1979 में भोपाल में स्थानांतरित मानव संग्रहालय की स्थापना 21 मार्च 1977 को दिल्ली में हुई थी, परंतु दिल्ली में स्थानाभाव के कारण स्थापना के दो वर्षों में ही इसे राष्ट्रीय राजधानी से प्रदेश की राजधानी में स्थानांतरित करना पड़ा | 200 एकड़ में फैला देश का सबसे बड़ा खुला संग्रहालय श्यामला पहाड़ी भोपाल में स्थित है रूपांतरण परिवार के विद्यार्थी अंकेश रावत के शब्दों में इस संग्रहालय में भ्रमण के अंतर्गत देश की विभिन्न जनजातियों के आवास,रहन-सहन एवं संस्कृति के बारे में जाना जिससे यह स्पष्ट परिलक्षित हुआ कि भारत की सभी जनजातियों के रहन-सहन में एकरूपता है ।संग्रहालय में प्रदर्शित भील जनजाति अपने आवास आगे की ओर खुले रखती हैं, बीच में उनका मुख्य द्वार होता है, वे बीच की दीवार पर अपने घर की संपन्नता हेतु पिथोरा जैसे अनुष्ठानात्मक कार्यक्रम भी करते हैं| उनके घरों का मुख सदैव पूर्व दिशा की ओर होता है, वह अपनी रक्षा एवं शिकार के लिए धनुष बाण व गोफन जैसे पारंपरिक शस्त्रों का उपयोग करते हैं| भीलो की समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा गीतों,नृत्य उनके देवताओं,गोदना और लोक गाथाओं में रूपायित होती है